Bhopal State:- आधुनिक भोपाल रियासत की नीव एक अफगान सरदार दोस्त मोहम्मद खान ने डाली थी जो पूर्व में एक मुगल सेना में था दोस्त मोहम्मद ने बैरसिया और उत्तर में शमशाबाद को सर्वप्रथम अपने अधिकार में लिया इसके बाद उसने चौहानों से जगदीशपुर छीन कर उसका नाम इस्लाम नगर रख दिया।
आधुनिक भोपाल का जन्मदाता दोस्त मोहम्मद को ही माना जाता है अंग्रेज सत्ता काल में देशी रियासतों को सम्मिलित कर सेंट्रल इंडिया एजेंसी स्थापित की गई और भोपाल मुस्लिम शासकों के अधीन एक प्रमुख राज्य बन गया।
17 मई 1926 को गद्दीनशीन नवाब हमीदुल्लाह खान योग्य और चतुर शासक थे मार्च 1948 में हमीदुल्लाह खान ने घोषणा की कि वह अपनी रियासत को स्वतंत्र रखना चाहता है जबकि जनमत विलय के पक्ष में था दिसंबर 1948 में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
नवाब लगातार इस कोशिश में लगा रहा कि भोपाल स्वतंत्र रहे उन्होंने बहुत गोलमोल या टालमटोल की परंतु आखिर में मध्य भारत और विंध्य प्रदेश के बनने के 1 साल बाद 30 अप्रैल 1949 को भारत में विलय का समझौता करना ही पड़ा और भोपाल में यह नवाबी शासन वर्ष 1949 तक जारी रहा
भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम या गोहर बेगम थी
तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से नवाब हमीदुल्लाह से भारत सरकार का एक विलय समझौता हुआ और 1 जून 1949 को भोपाल रियासत भारत का चीफ कमिश्नर शासित प्रदेश बन गया।
इसी के साथ इसको पार्ट सी स्टेट घोषित किया गया तथा श्री एनबी बनर्जी यहां के मुख्य आयुक्त नियुक्त कर दिए गए जनवरी 1952 में चुनाव हुए और 20 मार्च 1952 को निर्वाचित प्रतिनिधियों ने शासन संभाला
पुनर गठन के समय 1956 में इसके मुख्यमंत्री डॉ शंकर दयाल शर्मा के मध्य प्रदेश सरकार अधिसूचना नं 2477/1977 सयोन/दिनांक 13 सितंबर 1972 को सीहोर जिले से अलग कर भोपाल को जिला बनाया गया जिसकी विधिवत स्थापना 2 अक्टूबर 1972 को की गई इसी प्रकार 1947 से 1956 तक मध्य प्रदेश चार भागों में विभाजित था।