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मुहावरे का अर्थ और वाक्य muhavre kise kahate hain
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है- बातचीत करना या उत्तर देना। हिन्दी में मुहावरा को ‘वाग्धारा’ कहते हैं, किन्तु यह अधिक प्रचलित नहीं है ।
जब कोई वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़ कर विशेष अर्थ में रूढ़ हो जाता है, तो मुहावरा कहलाता है।
उदाहरण : ‘श्री गणेश करना’ का अर्थ है ‘शुरू करना’; ‘ईद का चाँद होना’ का अर्थ है ‘बहुत दिनों बाद दिखाई देना’; ‘चार चाँद लगाना’ का अर्थ है ‘प्रतिष्ठा बढ़ाना’ आदि ।

hindi ke muhavre / hindi muhavre
अँगूठा चूमना — खुशामद करना, चापलूसी करना अँगूठा दिखाना-देने से इंकार करना अँगूठा नचाना – चिढ़ाना आँसू पोंछना—धीरज बँधाना आँसू बहाना-खूब रोना आँसू पी जाना — दुःख को छिपा लेना आँख उठाना -हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना आँखें चार होना— देखा-देखी होना आँखें ठंढी होना – इच्छा पूरी होना आँख दिखाना-क्रोध प्रकट करना आँखों पर बिठाना – आदर करना आँखें फेरना-नज़र बदलना आँखें बिछाना-बेसब्री से प्रतीक्षा करना आँख भर आना- -आँसू आना आँखों में धूल डालना-धोखा देना आँखें लड़ना-देखादेखी होना, प्रेम होना आँखें लाल करना-क्रोध की नज़र से देखना आँखें थकना-प्रतीक्षा में निराश होना आँखों में चर्बी छाना- घमण्डी होना आँखों में खटकना – बुरा लगना आँखें नीली-पीली करना-नाराज़ होना आँख का अंधा, गाँठ का पूरा-मूर्ख धनवान आँखों की किरकिरी होना- शत्रु होना आँखों का प्यारा या पुतली होना-बहुत प्यारा होना आँखों का पानी ढल जाना – लज्जारहित हो जाना आँखें सेंकना—किसी की सुन्दरता देख आँखें जुड़ाना आँखें खुलना-सजग होना आँखें आना – आँख में एक प्रकार की बीमारी होना आँखें चुराना–सामने आने से परहेज़ करना आँखें गड़ाना-दिल लगाना, इच्छा करना आँखों में गड़ना – अत्यन्त अप्रिय होना आँख फड़कना – सगुन उचरना आँखें लगना – प्रेम करना, ज़रा-सी नींद आना आँख मारना – इशारा करना आँख रखना- ध्यान रखना आँख में पानी रखना – मुरौवत रखना उँगली उठना-निन्दा होना उँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना-थोड़ा सा सहारा पाकर अधिक के लिए उत्साहित होना कानों में उँगली देना- किसी बात को सुनने की चेष्टा न करना पाँचों उँगलियाँ घी में होना—सब प्रकार से लाभ- ही लाभ सीधी उँगली से घी न निकलना-भलमनसाहत से काम न होना ओठ चाटना – स्वाद की इच्छा रखना ओठ मलना-दण्ड देना ओठ चबाना-क्रोध करना ओठ सूखना-प्यास लगना कलेजे से लगाना – प्यार करना, छाती से चिपका लेना कलेजा काँपना- डर लगना, जी दहलना कलेजा थामकर रह जाना-अफसोस कर रह जाना कलेजा निकाल कर रख देना – अतिप्रिय वस्तु अर्पित कर देना कलेजा ठंढा होना—संतोष होना कान उमेठना (अपना) – शपथ लेना कान उमेठना (दूसरे का) – दण्ड या चेतावनी देने के लिए कान मरोड़ना, मसलना कान खोलना – सावधान करना कान देना- ध्यान देना कान पर जूँ न रेंगना बेखबर रहना कानों में तेल डालकर बैठ जाना-बात सुनकर भी ध्यान न देना कान पकड़ना – प्रतिज्ञा करना कान भरना – निन्दा करना कानों कान खबर होना—बात फैलना कान फूँकना-चेला बनाना, गुरुमंत्र देना कान काटना-बढ़कर काम करना कान खड़े होना-होशियार होना खून खौलना-गुस्सा चढ़ना खून सूखना-अधिक डर जाना ख़ून सवार होना- किसी को मार डालने के लिए तैयार होना खून पीना – मार डालना, सताना खून सफेद हो जाना – बहुत डर जाना गाल फुलाना – रूठना गाल बजाना- डींग मारना काल के गाल में जाना-मृत्यु के मुख में पड़ना गर्दन उठाना-प्रतिवाद करना गर्दन पर सवार होना पीछा न छोड़ना गर्दन पर छुरी फेरना – अत्याचार करना दाँत काटी रोटी- गहरी दाँत खट्टे करना-पस्त करना दाँतों तले उँगली दबाना-दंग रह जाना तालू में दाँत जमना – बुरे दिन आना दाँत दिखाना- हार मानना, लाचारी प्रकट करना दाँत जमाना – अधिकार पाने के लिए दृढ़ता दिखाना दाँत गड़ाना- किसी वस्तु को पाने के लिए गहरी चाह करना दाँत गिनना-उम्र बताना नाक कटना-इज़्ज़त जाना नाक काटना- इज्जत नष्ट करना नाक का बाल होना—प्रिय होना नाकों चने चबवाना — खूब तंग करना नाक पर मक्खी न बैठने देना-खरे स्वभाव का होना नाक में दम करना तंग करना नाक रखना – प्रतिष्ठा रखना नाक रगड़ना- मिन्नत करना नाक में दम आना-तंग होना मुँह खुलना- उद्दण्डतापूर्वक बातें करना, बोलने का साहस होना मुँह देना या डालना – किसी पशु का मुँह डालना मुँह बन्द होना-चुप होना मुँह में पानी भर आना – ललचना मुँह से लार टपकना – बहुत लालची होना मुँह काला होना- कलंक या दोष लगना मुँह धो रखना – आशा न रखना (व्यंग्य) मुँह पर (या चेहरे पर ) हवाई उड़ना – घबराना मुँहफट हो जाना-निर्लज्ज होना मुँह फुलाना – रूठ जाना मुँह बनाना – असंतुष्ट होना मुँह मोड़ना-ध्यान न देना मुँह लगाना – सिर चढ़ाना मुँह रखना – लिहाज़ रखना मुँहदेखी करना – पक्षपात करना मुँह चुराना संकोच करना मुँह में लगाम न होना—जो मुँह में आवे सो कह देना मुँह चाटना- खुशामद करना मुँह भरना- घूस देना मुँह लटकाना-रंज़ होना मुँह आना -मुँह की बीमारी होना मुँह की खाना – परास्त होना मुँह सूखना- भयभीत होना मुँह ताकना (या जोहना) – किसी का आसरा करना मुँह में खून लगना—बुरी चाट पड़ना, चसका लगना मुँह फेरना-अकृपा करना मुँह मीठा करना – प्रसन्न करना मुँह से फूल झड़ना-मधुर बोलना मुँह में घी-शक्कर किसी अच्छी भविष्यवाणी का अनुमोदन करना सिर आँखों पर होना—सहर्ष स्वीकार होना सिर उठाना – फुरसत पाना, विरोध में खड़ा होना सिर पर चढ़ना-शोख़ होना सिर ऊँचा करना — आदर का पात्र होना सिर खाना / चाटना-बकवास करके जी उबाना सिर चढ़ाना—गुस्ताख़ करना, बढ़ावा देना सिर झुकाना—आत्मसमर्पण करना सिर पर पाव रखकर भागना — बहुत जल्द भाग जाना सिर पड़ना – नाम लगना सिर खुजलाना – बहाना करना सिर धुनना-शोक करना सिर पर भूत सवार होना- एक ही रट लगाना, धुन सवार होना सिर फिर जाना – पागल हो जाना, घमंड होना सिर चढ़कर बोलना – छिपाये न छिपना सिर मारना – प्रयत्न करना सिर पर खेलना- प्राण दे देना सिर गंजा कर देना—मारने का भय दिखाना सिर पर कफ़न बाँधना-शहादत के लिए तैयार होना हाथ आना -अधिकार में आना हाथ खींचना -अलग होना हाथ खुजलाना- किसी को पीटने को जी चाहना हाथ देना-सहायता देना हाथ पसारना-माँगना हाथ बँटाना -मदद करना हाथ लगाना-आरंभ करना हाथ मलना पछताना हाथ गरम करना- घूस देना हाथ चूमना – हर्ष व्यक्त करना हाथ धोकर पीछे पड़ना – जी-जान से लग जाना हाथ पर हाथ धरे बैठना- बेकार बैठे रहना हाथ फैलाना-याचना करना हाथ मारना–उड़ा लेना, लाभ उठाना हाथ साफ करना—मारना, उड़ा लेना, खूब खाना हाथ धो बैठना-आशा खो देना हाथापाई करना-मुठभेड़ होना हाथ पकड़ना- किसी स्त्री को पत्नी बनाना, आश्रय देना अक़्ल का दुश्मन – मूर्ख अक्ल चरने जाना – बुद्धि की कमी होना अन्न-जल (या दाना-पानी) उठना-जीविका न रहना, रहने का संयोग न होना, तबादला या स्थान- परिवर्तन होना अपना उल्लू सीधा करना – बेवकूफ बनाकर काम निकालना अपने पाँव में आप कुल्हाड़ी मारना- जान-बूझकर आफत में पड़ना अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना- अपनी तारीफ आप करना अगिया बैताल-क्रोधी अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना अंगारों पर पैर रखना-अपने को खतरे में डालना, इतराना अंगारों पर लोटना – क्रुद्ध होना अक्ल का अजीर्ण होना आवश्यकता से अधिक अक्ल होना (व्यंग्य) अक्ल दंग होना-चकित होना अक्ल का पुतला – बहुत बुद्धिमान अन्त पाना-भेद पाना अन्तर के पट खोलना-विवेक से काम लेना अक्ल के घोड़े दौड़ाना-कल्पनाएँ करना अपनी डफली आप बजाना-अपने मन की करना अन्धे की लकड़ी – एकमात्र सहारा अन्धों में काना राजा -अज्ञनियों में अल्पज्ञान वाले का सम्मान होना अंक भरना-लिपट लेना अंग टूटना – बहुत थक जाना अंकुश देना- दबाव डालना अंग में अंग चुराना – शरमाना अंग-अंग फूले न समाना-आनंदविभोर होना अंगार बनना – लाल होना, क्रोध करना अँचरा पसारना – माँगना, याचना करना अंडे का शाहज़ादा — अनुभवहीन अठखेलियाँ सूझना-दिल्लगी करना अँधेर नगरी—जहाँ धाँधली और अन्याय होता है। अँधेरे मुँह-प्रातः काल, तड़के अक्ल पर पत्थर पड़ना-बुद्धिभ्रष्ट होना अड़ियल टट्टू- रूक-रूक कर काम करना अपना घर समझना – बिना संकोच व्यवहार अपना सा मुँह लेकर रह जाना-शर्मिन्दा होना अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वावलम्बी होना अड़चन डालना – बाधा उपस्थित करना अरमान निकालना – इच्छाएँ पूरी करना अरण्य – चन्द्रिका – निष्प्रयोजन पदार्थ आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक उद्योग/ परिश्रम करना आकाश से तारे तोड़ना-कठिन कार्य करना आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना आकाश छूना – बहुत ऊँचा होना आग का पुतला – क्रोधी आग पर आग डालना -जले को जलाना आग पर पानी डालना – क्रुद्ध को शांत करना, लड़नेवालों को समझाना-बुझाना आग पानी का बैर-सहज वैर आग बबूला होना—अति क्रुद्ध होना आग बोना-झगड़ा लगाना लगाकर तमाशा उसमें आनंद लेना आग लगाकर पानी को दौड़ना- पहले झगड़ा लगाकर फिर उसे शांत करने का यत्न करना आग लगने पर कुआँ खोदना- पहले से करने के काम को ऐन वक्त पर करने चलना आग से पानी होना— क्रोध करने के बाद शांत हो जाना आग में कूद पड़ना-खतरा मोल लेना आग उगलना – क्रोध प्रकट करना आन की आन में – फौरन ही आटे दाल का भाव मालूम होना—सांसारिक कठिनाइयों का ज्ञान होना आन रखना-मान रखना आटे दाल की फिक्र होना—जीविका की चिन्ता आसमान दिखाना-पराजित करना आठ-आठ आँसू रोना-विलाप करना आड़े आना-बाधक होना, रुकावट डालना आड़े हाथों लेना-झिड़कना, बुरा-भला कहना आस्तीन का साँप -कपटी मित्र इधर-उधर करना- टालमटोल करना इन्द्र का अखाड़ा-ऐश-मौज की जगह ईंट से ईंट बजना-ध्वस्त होना ईंट का जवाब पत्थर से देना- दुष्ट के साथ दुष्टता करना ईद का चाँद होना – बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना उड़ती खबर – बेसिर पैर की बात उलटी गंगा बहना- अनहोनी होना उठते-बैठते हर समय उठ जाना-मर जाना उठा रखना- बाक़ी रखना उन्नीस-बीस होना— बहुत कम अन्तर होना उल्लू सीधा करना-अपना स्वार्थ साधना उलटे पूरे से मूड़ना- बेवकूफ बनाकर लूटना ऊँचा-नीचा सुनाना-भला-बुरा कहना ऊँचा सुनना-कम सुनना उथल-पुथल मचाना-हलचल एक से तीन बनाना-खूब नफा करना एक लाठी से सबको हाँकना उचित न्याय न करना एक आँख से देखना- समान भाव रखना एक आँख न भाना – तनिक भी अच्छा न लगना एक न चलना – कोई उपाय सफल न होना ऍड़ी-चोटी का पसीना एक करना-खूब परिश्रम करना : ओखली में सिर देना- इच्छापूर्वक किसी झंझट में पड़ना, कष्ट सहने पर उतारू होना ओस के मोती- क्षणभंगुर |
अर्थ के आधार पर वाक्य भेद | vakya bhed
कलई खुलना-भेद प्रकट होना कलम तोड़ना – खूब लिखना, अनूठी उक्ति लिखना, अनुपम रचना करना कलेजा फटना-दिल पर बेहद चोट पहुँचना करवटें बदलना -बैचैन रहना काँटा बिछाना-अड़चन डालना काला अक्षर भैंस बराबर – अनपढ़, निरा मूर्ख काँटे बोना-बुराई करना काँटो में घसीटना – संकट में डालना कमर बाँधना/कसना – दृढ़ संकल्प करना काठ मार जाना- स्तब्ध हो जाना काम तमाम करना – मार डालना, खत्म करना किनारा करना—अलग होना कौड़ी के मोल बिकना-बहुत सस्ता बिकना कागजी घोड़े दौड़ाना- व्यर्थ की लिखा-पढ़ी करना किरकिरा होना—आनन्द बिगड़ जाना कुत्ते की मौत मरना – बुरी तरह मरना कोदो देकर पढ़ना-अधूरी शिक्षा पाना कपास ओटना—सांसारिक काम-धन्धों में लगे रहना कीचड़ उछालना – निन्दा करना कोल्हू का बैल – खूब परिश्रमी किताब का कीड़ा होना-बराबर पढ़ते रहना कागज काला करना – बिना मतलब लिखना कचूमर निकालना- – खूब पीटना कौड़ी का तीन समझना – तुच्छ समझना कौड़ी काम का न होना- किसी काम का न होना कौड़ी-कौड़ी जोड़ना—छोटी-मोटी सभी आय को कंजूसी के साथ बचाकर रखना कटे पर नमक छिड़कना – विपत्ति के समय और दुःख देना कन्नी काटना-आँख बचाकर भाग जाना कोहराम मचाना – दुःखपूर्ण चीख-पुकार किस खेत की मूली – अधिकारहीन, शक्तिहीन ख़म खाना-दबना, नष्ट होना खटिया सेना – बीमार होना खरी-खोटी सुनाना – भला-बुरा कहना ख़ाक में मिलना-बर्बाद होना खार खाना- डाह करना, जलना खेत आना- युद्ध में मारा जाना खटाई में पड़ना—झमेले में पड़ा रहना खा-पका जाना-बर्बाद करना खेल खेलाना-परेशान करना ख़ाक छानना-भटकना, बहुत ढूँढ़ना ख़ुशामदी टट्टू-झूठी प्रशंसा करने वाला व्यक्ति खूँटे के बल कूदना – किसी के भरोसे पर जोर या जोश दिखाना ख़ून का प्यासा – जान मारने पर उतारू ख्याली पुलाव – सिर्फ कल्पना करना गंगा लाभ होना – मर जाना गला छूटना -पिंड छूटना, मुक्त होना गीदड़ भभकी-मन में डरते हुए भी ऊपर से दिखावटी क्रोध करना गुड़ गोबर करना-बनाया काम बिगाड़ना \ गुड़ियों का खेल-सहज काम गुरुघंटाल-बहुत चालाक गूलर का फूल- दुर्लभ चीज गतालखाते में जाना-नष्ट होना गाँठ में बाँधना-ख़ूब याद रखना गिरगिट की तरह रंग बदलना- एक बात पर न रहना गागर में सागर भरना—अधिक बात थोड़े में कहना ग़ज भर की छाती होना-उत्साहित होना गड़े मुर्दे उखाड़ना-दबी हुई बात फिर से उभारना गाढ़े में पड़ना-संकट में पड़ना गोटी लाल होना- लाभ होना गुदड़ी का लाल-गरीब के घर गुणवान का होना गुल खिलना – विचित्र घटना होना, बखेड़ा होना गुस्सा पीना-क्रोध सहकर रह जाना गढा खोदना-हानि पहुँचाने का उपाय करना गूलर का कीड़ा-सीमित दायरे में भटकना घर का उजाला—कुलदीपक घर बसना-घर में पत्नी का आना घर का मर्द – बाहर डरपोक घर का न घाट का निकम्मा, कहीं का न रहना घर का आदमी – कुटुम्ब, इष्ट-मित्र घात पर चढ़ना — तत्पर रहना घी के दिये जलाना-मनोरथ पूर्ण होना, आनन्द- मंगल होना घाव पर नमक देना छिड़कना – दुःखित को और दुःख घात लगाना-मौके की तलाश में रहना घास खोदना- व्यर्थ काम करना घाव हरा होना—भूले हुए दुःख को याद करना घाट-घाट का पानी पीना – अच्छे-बुरे अनुभव रखना घोड़े बेचकर सोना- बेफ़िक्र होकर सोना चलता-पुर्जा—काफी चालाक चाँद का टुकड़ा—बहुत सुन्दर चाँद पर थूकना – किसी बड़े पुरुष को कलंक लगाना चार चाँद लगाना—चौगुनी शोभा या इज्जत होना चल निकलना—प्रगति करना, बढ़ना चिकने घड़े पर पानी पड़ना – उपदेश का कोई प्रभाव न पड़ना चोली-दामन का साथ-काफी घनिष्ठता चुनौती देना-ललकारना चुल्लू भर पानी में होना डूब मरना- अत्यन्त लज्जित चैन की वंशी बजाना – सुख से समय बिताना चोटी का पसीना ऍड़ी तक बहना-खूब परिश्रम करना चण्डूखाने की गप-झूठी गप चार दिन की चाँदनी – क्षणिक सुख चम्पत हो जाना-भाग जाना चींटी के पर जमना – ऐसा काम करना जिससे हानि या मृत्यु हो |
चकमा देना— धोका देना चाचा बनाना — दण्ड देना चरबी छाना- घमण्ड होना चाँदी काटना-आनन्द से जीवन बिताना चाँदी का जूता-रुपये का जोर चूड़ियाँ पहनना—स्त्री की-सी असमर्थता प्रकट करना छक्के छुड़ाना-ख़ूब परेशान करना छठी का दूध याद करना -सुख भूल जाना छाती पर मूँग या कोदो दलना-कष्ट देना छः पाँच करना-आनाकानी करना छप्पर फाड़कर देना – बिना परिश्रम के देना, अनायास देना छाती पर साँप लोटना- किसी के प्रति डाह छोटी मुँह बड़ी बात – योग्यता से बढ़कर बोलना छाती पर पत्थर रखना – असह्य दुःख को दिल में ही दबा लेना जड़ उखाड़ना-पूर्ण नाश करना जंगल में मंगल करना – शून्य स्थान को भी आनन्दमय कर देना ज़बान में लगाम न होना-बिना सोचे-समझे बोलना जी का जंजाल होना-अच्छा न लगना ज़मीन का पैरों तले से निकल जाना – सन्नाटे में आना ज़मीन चूमने लगा-धराशायी होना जान खाना-तंग करना जी टूटना – दिल टूटना जी लगना-मन लगना जी खट्टा होना – खराब अनुभव होना जलती आग में तेल डालना-झगड़ा बढ़ाना ज़हर उगलना-चुभनेवाली बात कहना जीती मक्खी निगलना – जान-बूझकर बेईमानी व कोई अशोभनीय कार्य करना ज़मीन-आसमान एक करना – बहुत उपाय करना जी चुराना – कोशिश न करना जान पर खेलना- प्राण संकट में डालना झाड़ मारना – घृणा करना टका-सा जवाब देना – फ़ौरन अस्वीकार कर देना टका-सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित हो जाना टट्टी की आड़ में शिकार खेलना- छिपकर बुरा काम करना टाँग अड़ाना-दखल देना टाट उलटना-व्यापारी का अपने को दिवालिया घोषित कर देना टेढ़ी खीर – कठिन काम टें-टेंपों-पों-व्यर्थ हल्ला करना टुकड़ों पर पलना-दूसरों की कमाई पर गुजारा करना ठन-ठन गोपाल-मूर्ख, गरीब, कुछ नहीं ठगा-सा- -भौंचक्का-सा ठठेरे-ठठेरे बदला-समान बुद्धिवाले से काम पड़ना डूबते को तिनके का सहारा-संकट में पड़े को थोड़ी मदद डींग हाँकना / शेखी बघारना—बढ़-चढ़कर बातें करना डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना – अलग-अलग होकर काम करना डोरी ढीली करना-सँभालकर काम न करना ढील देना- अधीनता में न रखना ढेर करना-मारकर गिरा देना ढेर होना—मर जाना ढोल पीटना – जाहिर करना तह देना-दबा देना तह—पर—तह देना — खूब खाना तरह देना— ख्याल न करना तंग करना — हैरान करना तंग हाथ होना-निर्धन होना तलवे चाटना या सहलाना— खुशामद करना, चाटुकारिता करना तिनके को पहाड़ करना-छोटी बात को बड़ी बनाना तिल का ताड़ करना-छोटी बात को बड़ी बनाना तीन तेरह करना या होना— नष्ट करना, तितर- बितर करना तूती बोलना- प्रसिद्ध होना, खूब चलना ताड़ जाना- समझ जाना तुक में तुक मिलाना — (खुशामद के लिए) बुरी भली सभी बातों का अनुमोदन करना तेवर बदलना – क्रोध करना ताना मारना-व्यंग्य वचन बोलना ताक में रहना-खोज में रहना तारे गिनना-दुर्दशाग्रस्त होना, काफ़ी चोट पहुंचना तोते की तरह आँखें फेरना— बेमुरीवत होना थाली का बैंगन होना-जिसका विचार स्थिर न रहे थूककर चाटना-प्रतिज्ञा भंग करना थू-थू करना- घृणा प्रकट करना दम मारना – विश्राम करना दम में दम आना-राहत होना दाल गलना – कामयाब होना, प्रयोजन सिद्ध होना दूज का चाँद होना—-कम दर्शन होना दाँव खेलना-धोखा देना दिन दूनी रात चौगुनी — खूब उन्नति होना दिनों का फेर होना—बुरे दिन आना दीदे का पानी ढल जाना— बेशर्म होना दिमाग़ खाना-बकवास करना दिल बढ़ाना- साहस भरना दिल टूटना – साहस टूटना दुकान बढ़ाना- दुकान बंद करना दूध के दाँत न टूटना – ज्ञान और अनुभव का न होना दूध का दूध पानी का पानी – निष्पक्ष न्याय दायें-बायें देखना- सावधान होना दिल दरिया होना-उदार होना दो कौड़ी का आदमी गरीब, नालायक्र दो नाव पर पैर रखना-इधर भी, उधर भी, दो पक्षों से मेल रखना |
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | ek shabd ke anek shabd
मिट्टी के मोल बिकना — बहुत सस्ता होना मुट्ठी गरम करना- घूस देना मीम हो जाना-ख़ूब नरम बन जाना मन फट जाना- विराग होना, फीका पड़ना मिट्टी में मिलना-नष्ट होना मन चलना-इच्छा होना मन के लड्डू खाना-व्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना मैदान साफ होना-मार्ग में बाधा न होना मीन- मेख करना— व्यर्थ तर्क मैदान मारना – विजय प्राप्त करना मन खट्टा होना-मन फिर जाना मुठभेड़ होना – मुक़ाबला होना यश गाना — प्रशंसा करना, एहसान मानना यश मानना — कृतज्ञ होना युग-युग — बहुत दिनों तक मिट्टी पलीद करना – ज़लील करना मोटा आसामी – मालदार आदमी युगधर्म – समय के अनुसार चाल या व्यवहार युगांतर उपस्थित करना- किसी पुरानी प्रथा को हटाकर उसके स्थान पर नई प्रथा चलाना रंग जमना – धाक जमना रंग में भंग होना— आनन्द में बिघ्न पड़ना रंग उतरना – फीका होना रंग लाना – प्रभाव दिखाना रंग बदलना – परिवर्तन होना रंगा सियार – ढोंगी रफूचक्कर होना—भाग जाना रसातल चला जाना-एकदम नष्ट हो जाना राई से पर्वत होना—छोटे से बड़ा होना रीढ़ टूटना- आधार समाप्त होना रोटियाँ तोड़ना-बैठे-बैठे खाना रोना रोना-दुखड़ा सुनाना लँगोटी पर (में) फाग खेलना-अल्पसाधन होते हुए भी विलासी होना लाख से लीख होना- कुछ न रह जाना लाले पड़ना – मुहताज होना लुटिया डुबोना-काम बिगाड़ना लोहा बजना -युद्ध होना लेने के देने पड़ना-लाभ के बदले हानि लँगोटिया यार- बचपन का दोस्त लहू होना-मुग्ध होना लोहे के चने चबाना – कठिन काम करना लग्गी से घास डालना -दूसरों पर टालना लल्लो-चप्पो करना – खुशामद करना, चिरौरी करना लहू का घूंट पीना – बर्दाश्त करना लाल-पीला होना-रंज होना लोहा मानना-श्रेष्ठता स्वीकार करना वचन हारना – जबान हारना वचन देना—जबान देना वक़्त पर काम आना-विपत्ति में मदद करना विहंगावलोकन – सरसरी नज़र से देखना शर्म से गड़ जाना—अधिक लज्जित होना शर्म से पानी पानी होना — बहुत लजाना शान में बट्टा लगना- इज़्ज़त में धब्बा लगना शेखी बघारना- डींग हाँकना शैतान की आँत-बहुत बड़ा शैतान की खाला-झगड़ालू स्त्री शिकार हाथ लगना-असामी मिलना श्री गणेश करना — आरंभ करना षट्राग (खटराग अलापना-रोना-गाना, बखेड़ा शुरू करना, झंझट करना सब्ज़ बाग दिखाना- बड़ी-बड़ी आशाएँ दिलाना सिंहावलोकन – पैनी/ गहरी नज़र से देखना सिक्का जमाना – प्रभुत्व जमाना सितारा चमकना या बुलंद होना—भाग्योदय होना सिप्पा भिड़ाना- उपाय करना सात-पाँच करना-आगे पीछे करना सुबह का चिराग होना-समाप्ति पर आना सैकड़ों घड़े पानी पड़ना – लज्जित होना सन्नाटे में आना / सकते में आना-स्तब्ध हो जाना सब धान बाईस पसेरी-सबके साथ एक-सा व्यवहार, सब-कुछ बराबर समझना हाथ के तोते उड़ना-अचानक शोक-समाचार सुनकर स्तब्ध हो जाना होश उड़ जाना – घबड़ा जाना हक्क-बक्का रह जाना-भौंचक रह जाना हजामत बनाना-ठगना, लूटना हवा लगना-संगति का प्रभाव (बुरे अर्थ में) हवा खिलाना-कहीं भेजना हड्डी-पसली दुरुस्त करना – खूब मारना हड़प जाना – हज़म कर जाना हल्का होना-तुच्छ होना, कम होना हल्दी – गुड़ पिलाना — खूब मारना हवा पर उड़ना – इतराना हथियार डाल देना- हार मान लेना हृदय पसीजना- दयार्द्र होना, द्रवित होना अलाउद्दीन का चिराग़- आश्चर्यजनक वस्तु इन्द्र का अखाड़ा- रास-रंग से भरी सभा इन्द्रासन की परी- बहुत सुंदर स्त्री इन्द्रजाल-मायाजाल इन्द्रलोक- माया लोक एकलव्य— आदर्श शिष्य कंस मामा-अत्याचारी व्यक्ति कर्ण का दान-महादान कामदेव का अवतार- परम सुन्दर पुरुष कालिदास- प्रकाण्ड विद्वान कालिदास समझना- ज्ञानी समझना कालिदास होना—मुर्ख होना कारूं का खजाना- अतुल धनराशि काली माई- उग्र औरत किशन कन्हैया -नटखट बालक |
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | ek shabd ke anek shabd
धता बताना— टालना, भागना धरती पर पाँव न रखना- घमंडी होना धाक जमाना-रोब होना धुँआ सा मुँह होना— लज्जित होना धूप में बाल सफेद करना – बिना अनुभव प्राप्त किये बूढ़ा होना धूल छानना-मारे-मारे फिरना धोबी का कुत्ता- निकम्मा धोती ढीली होना-डर जाना नज़र पर चढना-पसंद आ जाना नाच नचाना-तंग करना नुक्ताचीनी करना—दोष दिखाना, आलोचना करना निन्यानबे के फेरे में पड़ना- धन जमा करने के चक्कर में पड़ना नौ दो ग्यारह होना—भाग जाना नज़र चुराना -आँख चुराना नमक अदा करना-फ़र्ज़ पूरा करना, प्रत्युपकार करना नमक मिर्चा लगाना — बढ़ा-चढ़ाकर कहना नशा उतरना-घमण्ड उतरना नदी नाव संयोग — ऐसी भेंट/मुलाक़ात जो कभी इत्तिफ़ाक़ से हो जाय नसीब चमकना – भाग्य चमकना नींद हराम होना-तंग आना, सो न सकना नेकी और पूछ-पूछ-बिना कहे ही भलाई करना पगड़ी उतारना- इज्जत उतारना पगड़ी रखना-मान रखना पाकेट गरम करना- घूस देना पहलू बचाना-कतराकर निकल जाना पते की कहना – रहस्य या चुभती हुई काम की बात कहना पानी उतारना – बेइज्जत करना पानी का बुलबुला— क्षणभंगुर वस्तु पानी देना— तर्पण करना, सींचना द पानी न माँगना-तत्काल मर जाना पानी पर नींव डालना – ऐसी वस्तु को आधार बनाना जो टिकाऊ न हो पानी-पानी होना—अधिक लज्जित होना पानी-पानी करना – लज्जित करना पानी पीकर जाति पूछना— कोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य का निर्णय करना पानी रखना – मर्यादा की रक्षा करना पानी में आग लगाना — असंभव कार्य करना पानी लगना (कहीं का)—स्थान विशेष के बुरे वातावरण का असर होना पानी करना-सरल कर देना पानी लेना – अप्रतिष्ठित करना पानी की तरह बहना-अन्धाधुन्ध करना पानी फिर जाना-बर्बाद होना पापड़ बेलना – दुःख से दिन काटना पोल खुलना-रहस्य प्रकट करना पौ बारह होना-खूब लाभ होना पेट में चूहे कूदना या दौड़ना-भूख से परेशान होना पीठ ठोंकना-साहस बँधाना पुरानी लकीर का फकीर होना/पुरानी लकीर पीटना – पुरानी चाल मानना पाँचो उँगलियाँ घी में-पूरा लाभ होना पैर पकड़ना – क्षमा चाहना पीठ दिखलाना-पलायन फूला न समाना—काफ़ी ख़ुश होना फूलना – फलना- उन्नति करना फूटी आँखों न भाना—तनिक भी न सुहाना फफोले फोड़ना – वैर साधना फबतियाँ कसना—ताना मारना, चुभती बात कहना फूँक-फूँक कर कदम रखना- सावधान होकर काम करना फूल झड़ना – मधुर बोलना बगुला भगत-कपटी बगलें झाँकना-बचाव का रास्ता ढूँढ़ना बन्दरघुड़की देना–धमकाना बहती गंगा में हाथ धोना—वह मौक़ा हाथ से न जाने देना जिससे सभी लाभ उठाते हों बाग-बाग होना-ख़ुश होना बाँसो उछलना-काफी खुश होना बाछें (मुँह के कोने) खिलना-हर्षित/आनंदित होना, जोर-जोर से हँसना बाज़ार गर्म होना-सरगर्मी होना, तेजी होना बात का धनी-वादे का पक्का, दृढ़प्रतिज्ञ बात की बात में– अतिशीघ्र बात चलाना – चर्चा करना बात न पूछना – निरादार करना बात पर न जाना-विश्वास न करना बात बनाना-बहाना करना बात रहना-वचन पूरा करना बातों में उड़ाना—हँसी-मजाक में उड़ा देना बात पी जाना-बर्दाश्त करना, सुनकर भी न देना बायें हाथ का खेल-सरल होना बाल की खाल निकालना-छिद्रान्वेषण करना बालू की भीत-शीघ्र नष्ट होनेवाली चीज बेसिर-पैर की बात- निराधार बात बोलबाला होना—प्रसिद्ध होना भाड़े का टट्टू-गया-बीता भींगी बिल्ली बनना – लाचार होना भेड़ियाधसान होना—देखा-देखी करना भाड़ झोंकना – समय नष्ट करना भूत चढ़ना या सवार होना-किसी बात की जिद पकड़ना, रंज के मारे आगा-पीछा भूल जाना भारी लगना-असह्य होना भनक पड़ना-उड़ती हुई ख़बर सुनना मर मिटना-बर्बाद होना मांस नोचना-तंग करना |
FAQ
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